सरस्वती शिशु मन्दिर इण्टरमीडिएट कालेज, सिरवारा मार्ग, सुलतानपुर ज्ञान की साधनास्थली के रुप में निरन्तर प्रगतिपथ पर अग्रसर है। विद्यालय तथा अभिभावक दोनों ही छात्र के सर्वांगीण विकास हेतु प्रयत्नशील हैं । विद्यालय में निर्धारित नियम तथा व्यवस्थाओं का एकमात्र उद्देश्य जीवन में नियमितता तथा व्यवस्थितता का निर्माण करना है, जो आप सबके स्नेह एवं विवेक युक्त सहयोग से ही संभव है। छात्र के विकास को ध्यान में रखकर हम और आप परस्पर सहयोगी बनते हुए भावी पीढ़ी को अपना योगदान दे सकें।हम सबका भी ऐसा ही प्रयत्न रहना चाहिए। स्नेहिल सहयोग की आकांक्षा में,शुभकामनाओं सहित।
विद्यालय ईंट और गारे की बनी हुई इमारत नहीं है, जिसमें विभिन्न प्रकार के छात्र और शिक्षक होते हैं। विद्यालय बाजार नहीं है, जहाँ विभिन्न योग्यताओं वाले अनिच्छुक व्यक्तियों को ज्ञान प्रदान किया जाता है। विद्यालय रेल का प्लेटफार्म नहीं है, जहाँ विभिन्न उद्देश्यों से विभिन्न व्यक्तियों की भीड़ जमा होती है। विद्यालय आध्यात्मिक संगठन है, जिसका अपना स्वयं का विशिष्ट व्यक्तित्व है। विद्यालय गतिशील सामुदायिक केन्द्र है, जो चारों ओर जीवन और शक्ति का संचार करता है। विद्यालय एक आश्चर्यजनक भवन है, जिसका आधार सद्भावना है!माता-पिता की सद्भावना,छात्रों की सद्भावना |सारांश में, एक सुसंचालित विद्यालय एक सुखी परिवार, एक पवित्र मन्दिर, एक सामाजिक केन्द्र लघुरुप में राज्य और मनमोहक वृन्दावन है जिसमें सब बातों का मिश्रण होता है।